- मुंबई में सबसे अधिक कोरोना के केस
- 714 संक्रमित मिले 45 की हुई मौत
देश में सबसे अधिक इनकम टैक्स भरने वाले मुंबई महानगर में Covid-19 पॉजिटिव केस इतने ज्यादा क्यों सामने आ रहे हैं? म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन ऑफ ग्रेटर मुंबई (MCGM) ने इसकी चार वजहें बताई हैं. बता दें कि बुधवार शाम तक यहां 714 पॉजिटिव केस सामने आ चुके थे. 59 लोग रिकवर हो चुके हैं, वहीं 45 लोगों की मौत हुई है. MCGM ने जो चार वजहें बताई हैं, उनमें पहले नंबर पर अधिक टेस्टिंग का जिक्र किया.
1. अधिक टेस्टिंग
MCGM के मुताबिक टेस्टिंग क्षमता बढ़ने की वजह से महानगर में पॉजिटिव केस अधिक सामने आ रहे हैं. म्युनिसिपल प्रशासन ने मुंबई में जहां प्राइवेट लैब्स को टेस्टिंग से जोड़ा है वहीं सरकारी टेस्टिंग लैब्स की क्षमता भी बढ़ाई है.
2. कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग पर जोर
म्युनिसिपल बॉडी ने दूसरी वजह बड़े पैमाने पर कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग किए जाने को बताया. बिना लक्षण वाले कॉन्टेक्स की पहचान के लिए स्पेशल क्लिनिक में टेस्टिंग कराई जा रही है. ऐसा करने से वर्ली, कोलिवाडा और धारवी जैसे घनी आबादी वाले कलस्टर्स में मदद हुई जहां समुदाय में संक्रमण फैलने का खतरा है.
3. वर्ली कोलिवाड़ा में अधिक केस
तीसरी वजह वर्ली कोलिवाडा से अधिक केसों का रिपोर्ट होना है. 40,000 आबादी वाले इस इलाके से 51 पॉजिटिव केस सामने आए हैं. जहां तक G साउथ वार्ड की बात है वहां कुल केसों की संख्या 135 हो गई है. यहां चेम्बूर के एक सरकारी दफ्तर के कुक से संक्रमण की शुरुआत हुई और ये पूरे क्षेत्र में फैल गया. इस इलाके में रहने वाले सभी लोगों की स्क्रीनिंग की जानी है,जिनमें से 364 का टेस्ट होना है.
4. वॉकहार्ट अस्पताल से 52 पॉजिटिव केस
मुंबई सेंट्रल में स्थित वॉकहार्ट (Wockhardt) अस्पताल से 52 पॉजिटिव केस रिपोर्ट हुए. एक बिना लक्षण वाले मरीज के संपर्क में आने की वजह से स्टाफ को संक्रमण हुआ. अस्पताल को MCGM ने कंटेनमेंट जोन घोषित कर दा है.
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MCGM के मुताबिक मुंबई एक बड़ी आबादी वाला शहर है और यहां मामलों की संख्या में इजाफा हो सकता है. लेकिन स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है. बुधवार को रिपोर्ट हुए 106 केस में से 51 G साउथ वार्ड से है. इन मरीजों के हाई रिस्क वाले कॉन्टेक्ट की पहचान कर उन्हें क्वारनटीन किया जा रहा है.
