- पीएचईडी की मदद से मई-जून में ही पेयजल श्रोतों की जाएगी पहचान
- डेंगू, मलेरिया व कालाजार रोकने के लिए होगा डीडीटी का छिड़काव
पटना. बाढ़ के समय होने वाली बीमारियों की रोकथाम किस तरह हो, इसकी तैयारी में अभी से स्वास्थ्य विभाग जुट गया। बैठक कर इसके लिए विशेष रणनीति भी बनाई गई है। यह निर्णय लिया गया है कि मई-जून में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग की मदद से पेयजल श्रोतों की पहचान कर ली जाए। पानी को शुद्ध करने के लिए क्लोरीन की गोली और ब्लिचिंग पॉउडर की पर्याप्त व्यवस्था करने का निर्देश विभाग ने दिया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से सभी जिलाधिकारी और सिविल सर्जनों को इसका निर्देश दिया जा चुका है।
बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में चलंत डॉक्टरों की टीम और हॉस्पिटल ऑन बोट की होगी व्यवस्था
स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार डीएम और एसीएस को दिए निर्देश में कहा है कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों चलंत डाक्टरों की टीम की व्यवस्था की जानी चाहिए। इस टीम में डॉक्टर, स्वच्छता निरीक्षक,नर्स और अन्य स्वास्थ्य कर्मी रहेंगे और उन्हें सिविल सर्जन नामित करेंगे। इस क्षेत्र में हॉस्पिटल ऑन बोट की व्यवस्था भी की जाएगी।
