देशभर में जहां एक तरफ कोरोना वायरस के मरीजों की गिनती बढ़ती जा रही है, वहीं सोशल मीडिया पर इससे जुड़े फर्जी पोस्ट धड़ल्ले से शेयर किए जा रहे हैं.
इन दिनों एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें ड्यूटी पर तैनात एक पुलिसकर्मी को अचानक सांस लेने में तकलीफ होती है और वो देखते ही देखते जमीन पर गिर जाता है. फिर पास मौजूद बाकी पुलिसकर्मी उसे एंबुलेंस से अस्पताल भेजते हैं.
दावा किया जा रहा है कि जनता की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी खुद कोरोना वायरस की चपेट में आ गया.
पोस्ट का आर्काइव्ड वर्जन यहां देखा जा सकता है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बिहार के बेतिया में मंडल कारा (जिला जेल) में इसी सप्ताह जेल आईजी के निर्देश पर मॉक ड्रिल किया गया था. जेल अधीक्षक रामाधार सिंह ने मीडिया को बताया कि कोरोना वायरस से होने वाली परिस्थितियों का सामना करने के लिए एक टीम बनाकर मॉकड्रिल की गई. इसका वीडियो भी बनाया गया.
हमें वायरल वीडियो इस मीडिया रिपोर्ट में भी मिला.
लिहाजा वायरल वीडियो के साथ किया जा रहा दावा गलत है. यह किसी असल घटना का वीडियो नहीं है, बल्कि मॉकड्रिल का है.
